यदिआप निःसंतान हैं अथवा अन्य कारण से बच्चा गोद लेना चाहते हैं तो आईए जानते हैं इसकी प्रक्रिया:
1. यदि भारतीय भावी माता-पिता अनाथ ,परित्यक्त अथवा अभ्यर्पित बच्चे को गोद लेने के इच्छुक हैं तो सबसे पहले उन्हें केंद्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण (सेंट्रल एडॉप्शन रेगुलेटरी अथॉरिटी CARA )के वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा एवं स्वयं को रजिस्टर करना होगा।
2. आवेदक (भावी माता-पिता )को दो या अधिक राज्यों के किसी समूह जहां से बच्चा पाने के इच्छुक हैं, का चयन करना होगा ,साथ ही भावी संतान से संबंधित मांगी गई सूचना भी अंकित करनी होगी।
3. मालूम हो कि राज्य के लगभग सभी जिलों में विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान होते हैं जहां सरकार की देखरेख में अनाथ /परित्यक्त/ अभ्यार्पित बच्चों को आवासित कराया जाता है एवं उसके दत्तक ग्रहण(adoption )में जाने संबंधी सभी लीगल औपचारिकताएं पूर्ण कर संबंधित सूचनाओं को पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इन बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया हेतु लीगली फ्री किया जाता है जिसकी सूची राज्य दत्तक ग्रहण अभिकरण के माध्यम से केंद्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण के पोर्टल पर प्रदर्शित होती है। यहां से इच्छुक माता-पिता को बच्चों से मिलाने एवं राज्य/ जिला स्तर पर दत्तक ग्रहण पूर्ण कराने का कार्य किया जाता है।
4. जिस राज्य/ जिला के आवेदक माता-पिता होंगे वहां के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान द्वारा उक्त माता-पिता का गृह अध्ययन किया जाता है एवं अध्ययन रिपोर्ट संबंधित पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। यही रिपोर्ट भावी दत्तक माता-पिता द्वारा देश में कहीं से भी बालक/ बालिका के दत्तक ग्रहण का आधार होगा।
5. भावी माता-पिता द्वारा बच्चा गोद लेना एक उपयुक्त बच्चे की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अर्थात इसमें तीन माह से 2 साल तक का समय लग सकता है।
6. सभी जिला में बाल कल्याण समिति एवं दत्तक ग्रहण समिति सरकार के अधीन गठित होता है जिसके द्वारा भावी दत्तक माता-पिता की उपयुक्तता का आकलन/ मिलान हेतु साक्षात्कार किया जाता है। प्रक्रिया के तहत भावी माता-पिता को आरक्षित कराए गए बच्चे से मिलन कराया जाता है ।यह प्रक्रिया बालक आरक्षित होने के एक माह के भीतर हो जाता है।
7. उपरोक्त प्रक्रिया के दौरान यदि भावी माता-पिता को बच्चे से मिलने के उपरांत कोई इंकार है अथवा दत्तक ग्रहण कमेटी माता-पिता को अनुपयुक्त पाती है तो इसका लिखित प्रतिवेदन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, साथ ही पोर्टल पर कतार बद्ध अगले आवेदक को अवसर दिया जाएगा।
8. यदि दोनों पक्ष सहमत हैं तो जिला बाल संरक्षण इकाई /बाल कल्याण समिति के माध्यम से बच्चे को प्री एडॉप्शन हेतु भावी माता-पिता को सौपा जाएगा। तत्पश्चाप जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से बच्चे का पूर्ण एडॉप्शन भावी माता-पिता को दिया जाएगा।
पात्रता:
• भावी माता-पिता की संयुक्त आयु अधिकतम 90 वर्ष (सामान्यतः)
• शारीरिक मानसिक भावनात्मक और आर्थिक रूप से सक्षम होंगे
• कोई खतरनाक चिकित्सा स्थिति नहीं होगी
• किसी आपराधिक कृत्य के दोषी न हो
• किसी बाल अधिकार के उल्लंघन मामले के आरोपी ना हो
• विवाहित दंपति हेतु दोनों की सहमति आवश्यक होगी, इत्यादि।